संविधान दिवस एवं जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत” विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यक्रम का सफल आयोजन।

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“संविधान दिवस एवं जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत” विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यक्रम का सफल आयोजन।


गरियाबंद।शासकीय नवीन महाविद्यालय गोहरापदर, जिला गरियाबंद (छत्तीसगढ़) में आज महाविद्यालय एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के संयुक्त तत्वावधान में “संविधान दिवस एवं जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत” विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यक्रम का सफल आयोजन प्राचार्य डॉ. टी. एस. सोनवानी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संविधान की उद्देश्यिका का वाचन, शपथ ग्रहण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता तथा भाषण प्रतियोगिता कराया गया। विद्यार्थियों ने संविधान के प्रति अपनी समझ, सरोकार एवं जागरूकता का सशक्त प्रदर्शन किया।

इसके पश्चात “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत” विषय पर आमंत्रित व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में श्री अभिमन्यु ध्रुव (सामाजिक कार्यकर्ता) उपस्थित रहे। इसी प्रकार मुख्य अतिथि, विशेष अतिथि एवं विशिष्ट वक्ता के रूप में— मान. श्री गोवर्धन सिंह मांझी (पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव, छ.ग. शासन), मान. श्री तानसिंह मांझी (महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष), श्री गुरुनारायण तिवारी (जिला उपाध्यक्ष, भाजपा गरियाबंद एवं जनभागीदारी समिति सदस्य), श्री हलमन ध्रुवा (सरपंच, मुड़ागांव; जनभागीदारी समिति सदस्य), श्री गोविंद नागेश (उपसरपंच, मुड़ागांव; जनभागीदारी समिति सदस्य), श्री प्रकाश कश्यप (जनभागीदारी समिति सदस्य), श्री चंद्रप्रकाश साहू (जनभागीदारी समिति सदस्य), श्री क्षितिज नारायण तिवारी (अ.भा.वि.प. कार्यकर्ता), श्री रंजन यादव (अ.भा.वि.प. कार्यकर्ता) उपस्थित रहे।

मुख्य वक्ता श्री अभिमन्यु ध्रुव ने अपने प्रभावी वक्तव्य में संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों, जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक विशिष्टताओं, संरक्षण संबंधी संवैधानिक प्रावधानों तथा सामाजिक समरसता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा जी के स्वतंत्रता एवं न्याय के संघर्षों को प्रेरक रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि जनजातीय समाज का इतिहास गौरव, संघर्ष और स्वाभिमान की अमूल्य विरासत है। उन्होंने भ्रष्टाचार के दुष्प्रभावों पर भी सारगर्भित चर्चा की और युवाओं से कर्तव्यपरायणता एवं संवैधानिक मूल्य अपनाने का आह्वान किया।

अन्य वक्ताओं ने भी संविधान के महत्व, लोकतांत्रिक दायित्व, जनजातीय समाज के योगदान, सांस्कृतिक संरक्षण एवं राष्ट्रीय एकता पर सारगर्भित विचार व्यक्त किए।

अंत में प्राचार्य डॉ. टी. एस. सोनवानी ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि—
“संविधान हमारे लोकतंत्र की सुदृढ़ नींव है। इसे जानना, समझना और पालन करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास और योगदान से विद्यार्थी प्रेरणा प्राप्त करें, यही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।”

कार्यक्रम में संरक्षक के रूप में प्राचार्य डॉ. टी एस सोनवानी उपस्थित रहे। मंच संचालन एवं कार्यक्रम संयोजन हिन्दी के सहायक प्राध्यापक श्री महेंद्र कुमार साहू द्वारा किया गया। सह-संयोजक के रूप में NSS कार्यक्रम अधिकारी एवं वाणिज्य के सहायक प्राध्यापक श्री सनत कुमार रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में अतिथि व्याख्याता — डॉ. रेवचंद दंता, श्री पंकज कुमार तिवारी, श्री देवदत्त, श्री मोहनीश बघेल, कु. संगीता पटेल, कु. याशिका नामदेव, श्री दीनानाथ निराला तथा कार्यालयीन कर्मचारी — श्री वीरेन्द्र कुमार नरेटी, श्री फाल्गुन सिंह नागेश, श्री नवीन बघेल, श्री मनमोहन प्रधान एवं श्री गोवर्धन बघेल का विशेष सहयोग रहा।
महाविद्यालय के छात्र–छात्राओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की और पूरे समय अनुशासन एवं धैर्य के साथ कार्यक्रम में उपस्थित रहकर व्याख्यान से लाभान्वित हुए। कार्यक्रम सर्वांगीण रूप से सफल एवं प्रेरणादायी रहा।

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