“मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझता आमामोरा, ग्रामसभा को मजबूत करने की बनी रणनीति”

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डोमन साहू गरियाबंद:_ 23 दिसंबर 2025 को गरियाबंद ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र ग्राम आमामौरा में प्रयोग समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष सीताराम सोनवानी जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम, लघु वनोपज  समिति जिला अध्यक्ष कल्याण सिंह कपिल, भुजिया विकास अभिकरण के अध्यक्ष ग्वालसिंह सोरी, ग्राम पंचायत आममोरा के पूर्व सरपंच पोटो सिंह मरकाम, सरपंच अर्जुन लाल सोरी ,वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह राजपूत ने मां भारती के छायाचित्र में पूजा अर्चना कर  बैठक का शुरूआत किया।


        बैठक आमामौरा के आश्रम भवन में संगठन मुखियाओं का बैठक  हुआ जिसमें आमामौरा, जोबपारा, कुकरार, के 50 महिला एवं पुरुष उपस्थित रहे बैठक में लोकेश्वरी नेताम ने जल, जंगल, जमीन, के मुद्दे एवं ग्राम विकास के मुद्दे तथा विस्थापन के विषय पर विशेष रूप से चर्चा किया गया तथा ग्रामसभा को सशक्त बनाने पर बल दिया तथा दोनों ग्राम पंचायत जो की छठवीं अनुसूची के एरिया में आता है और यहां ग्रामसभा का निर्णय सर्वपरी माना जाता है आप सभी लोग आसपास के ग्रामसभा को मिलाकर एक फेडरेशन का गठन करें जिसमें छत्तीसगढ़ सीमा से लगे सोनाबेड़ा उड़ीसा एरिया को मिलाकर फेडरेशन बनाएं तथा ग्राम विकास और विभिन्न मुद्दों को लेकर शासन प्रशासन से बात कर सके।


     जिला लघु वनोपज  समिति गरियाबंद के अध्यक्ष कल्याण सिंह कपिल ने कहा कि हमारे वनवासी क्षेत्र में जितना भी वनोपज है उसके खरीदी, बिक्री का भी प्रावधान सरकार के द्वारा किया जा रहा है तथा इन वनोंपज और गौण खनिज पर ग्राम सभा का अधिकार है तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया और सदस्य की मृत्यु होने पर भी क्षतिपूर्ति राशि दिया जाता है इसके अलावा छात्रवृत्ति उसका भी आप लोग फायदा ले, यह क्षेत्र सेंचुरी एरिया में आ रहा है जिसके तहत इन गांवों को हटाकर सरकार अन्यत्र विस्थापन की बात कहा जा रहा है इस पर भी निर्णय लेने का अधिकार आपके ग्राम सभा को होगा सरकार या विभाग अपने निर्णय को आपके ऊपर नहीं तोक सकता है।
       

भूजिया नेता ग्वालसिंह सोरी ने भूजिया विकास अभिकरण के द्वारा भी पिछड़ी जनजाति परिवार के विकास के लिए कार्य कर रही है फिर भी जिस प्रकार से आदिवासी और विशेष पिछड़ी जनजाति का जो विकास होना चाहिए था वह अभी तक नहीं हो रहा है आदिवासी अपने जल जंगल जमीन के साथ आदिवासी संस्कृति को भी बचाने के लिए जिम्मेदारी हम सब का है यह एरिया छठवीं अनुसूची के तहत आता है इसलिए आपको विशेष अधिकार ग्राम सभा देता है और संविधान ने भी लोगों को अधिकार दिया है जिसके तहत आप शासन प्रशासन से लड़ सकते हैं, बात कर सकते हैं।


    सीताराम सोनवानी सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि यह सुदूर वनांचल आमामोरा में आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं  सड़क,बिजली, पेयजल तथा कार्य का अभाव होने के कारण इस क्षेत्र से 200 से ढाई सौ परिवार आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में जाकर ईट बनाने के कार्य कर रहे हैं।

जबकि यह क्षेत्र वन एवं वनोंपज  से भरा पड़ा है वन  अधिकार अधिनियम के तहत अधिकतम एक व्यक्ति को चार हेक्टर देने का प्रावधान है लेकिन आज भी वर्षों से काबिज आदिवासी लोगों को अभी  भी जमीन का वन अधिकार पत्र नहीं मिला है आमामोरा में 42 लोगों को वन अधिकार के लिए पात्र माना गया है लेकिन पात्र लोगों को भी अधिकार पत्र नहीं दिया जा रहा है इसके लिए ग्रामसभा को सशक्त बनाकर शासन से संवाद  करने का अपील किया गया।
   

अर्जुन लाल सोरी सरपंच आमामौरा ने यहां के प्रमुख समस्याओं के विषय में ध्यान आकृष्ट किया गया जिसमें यहां के अधिकांश परिवार पलायन कर ईट बनाने के लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में जाते हैं ग्राम पंचायत में पूर्ण सचिव नहीं है जो सचिव इस पंचायत में है इसके अतिरिक्त दो पंचायत के कार्यों का प्रभार है रोजगार सहायक भी इस पंचायत में नहीं है दूसरे पंचायत के रोजगार सहायक को प्रभार दिया गया है जिसके कारण शासन की योजनाओं का लाभ लोगों को समय पर नहीं मिल रहा है।

तथा उप स्वास्थ्य केंद्र ओढ़ ग्राम पंचायत के एक कमरा में संचालित है जिसमें दो कर्मचारी वर्तमान में है यहां पेयजल के लिए हैंड पंप का खनन किया गया है लेकिन उसका उपयोग पेयजल के रूप में नहीं करते हैं क्योंकि फ्लोराइड का मात्रा ज्यादा है आज भी लोग झरिया से पानी लाकर पीते हैं विद्युतीकरण का भी कार्य नहीं हुआ है बैठक में उपस्थित ग्रामीण लोगों ने कहा कि मनरेगा के तहत भी लोगों को पर्याप्त काम नहीं मिलता है क्योंकि यहां पर शासन की योजनाओं को संचालित करने के लिए जो कर्मचारी होना चाहिए वहां पर्याप्त मात्रा में नहीं है 

तथा आवागमन का साधन भी पर्याप्त नहीं है यहां के धोबघाट नाला में डायवर्सन निर्माण करके पेयजल के समस्याओं को दूर किया जा सकता है तथा स्वास्थ्य सुविधा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलकर पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने की आवश्यकता है इन सब समस्याओं के निराकरण के लिए आगामी समय में शासन प्रशासन को लिखित आवेदन देकर निराकरण करने के लिए कार्य योजना एवं रणनीति बनाया गया  कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र सिंह राजपूत ने किया इस बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता हिरौंधी नेताम ,सुनीता कुर्रे, मितटठल  विश्वकर्मा उपसरपंच लखनुराम पंच बधाराम सोरी नर्मदाबाई ,शांतिबाई, उमंग बाई धन्मोतीन व अन्य ग्रामीण जन उपस्थित रहे

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