गरियाबंद छत्तीसगढ़ ग्राम रोजगार सहायक संघ ने अपनी वर्षों से लंबित मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन एवं रैली आयोजित करने का ऐलान।

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गरियाबंद छत्तीसगढ़ ग्राम रोजगार सहायक संघ ने अपनी वर्षों से लंबित मांगों को लेकर एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन एवं रैली आयोजित करने का ऐलान किया है। संघ के प्रांतीय आह्वान पर यह निर्णय राज्यभर के सभी जिलों के जिला अध्यक्षों की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।

जिला अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप ने रखी बात_
ग्राम रोजगार सहायक संघ गरियाबंद के जिला अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि ग्राम रोजगार सहायकों की समस्याओं और मांगों को लेकर पूर्व में कई बार शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
इसी उपेक्षा के चलते संगठन को आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

ये हैं ग्राम रोजगार सहायकों की प्रमुख मांगें
संघ द्वारा उठाई जा रही मुख्य लंबित मांगें इस प्रकार हैं—
सचिव भर्ती प्रक्रिया में पूर्ववत 30 अंक प्रदान कर वरिष्ठता के आधार पर प्राथमिकता दी जाए।
ग्राम रोजगार सहायक पद को मानदेय से संविदा श्रेणी में परिवर्तित किया जाए।
अन्य राज्यों की तर्ज पर पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित किया जाए।
मनरेगा के तकनीकी कार्यों (जियो-टैगिंग, ई-केवाईसी, NMMS उपस्थिति) के लिए,मोबाइल उपकरण एवं डेटा व्यय राशि प्रदान की जाए।

आंदोलन तेज करने की चेतावनी संघ ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि शासन द्वारा शीघ्र मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन आगे चलकर और व्यापक व उग्र रूप ले सकता है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

संघ का कहना संघ का कहना है कि ग्राम स्तर पर योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में ग्राम रोजगार सहायकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, बावजूद इसके उन्हें उचित मान-सम्मान, स्थायित्व और संसाधन नहीं मिल पा रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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